Janiye aakhir kaise Kalsarp Yog banta hai aur kaun si Puja Vidhi aur Mantra ka jaap karna chahaiye. जब Rahu और Ketu के बिच में जब सूर्य और शनि के कुल ग्रह आ जाते है, तब Kalsarp yog बन जाता है। जब किसी इंसान के जन्मपत्रिका में कालसर्प का दोष होता है तो उसके जीवन में अक्सर उतार चढ़ाव होते रहते हैं। इस योग को astrology के अनुसार अमंगलिक माना गया है।
कालसर्प योग का कारण / Kalsarp Yog hone ke Karan
कालसर्प योग भी इंसान के कर्मो से हीं होता है। यह योग उन लोगो की जन्मपत्रिका में होता है:-
- जिसने पिछले जन्म में किसी भी सर्प (snake) को मारा हो ।
- जिसने किसी भी निर्दोष जानवर को इस हद तक सताया हो कि उस जानवर की मौत हो गयी हो।
- या फिर ये भी कहा जाता है कि जब किसी व्यक्ति की दृढ़ इच्छा अधूरी रह जाती है | अपनी इच्छा को पूरा करने के लिए वो व्यक्ति दोबारा जन्म लेता है तो उसे इस योग का सामना करना पड़ता है ।
कालसर्प योग के लक्षण / Symptoms of Kalsarp Yog
Agar dhyan se dekha jaye to aap bhi kalsarp yog ke lakshan ko pahchan sakte hain. Is ke yog hone par niche diye gaye lakshan aapko najar aayenge:
- जिनकी कुंडली में कालसर्प योग रहता है उन्हें सपने में अक्सर dead people नज़र आते हैं।
- Dead people में ज्यादातर family के ही लोग दिखाई देते हैं।
- इस योग से पीड़ित लोगो को ऐसा feel होता है जैसे कोई उसका body या फिर गला दबा रहा है।
- सांप से भय लगना या फिर सपने में body से सांप लिपटा हुआ दिखाई देता है ।
- स्वप्न में अक्सर River, lake, sea आदि का दिखना ।
- बीमारी या किसी problem में खुद को अकेला feel करना, जीवन व्यर्थ लगना भी इसी योग के लक्षण हैं ।
- ऊँचाई पर घबराहट लगना या सुनसान जगहों पर जाने से भय लगना भी कालसर्प का लक्षण हो सकता है।
Kalsarp ka Mantra
Niche diye gaye mantra ka jaap karne se aapko kalsarp yog se chutkara milega:
जिनके जन्मपत्रिका में इस योग का प्रभाव रहता है उन्हें हर रोज पंचाक्षरी मंत्र का “ऊँ नम शिवाय” या “महामृत्युंजय” मंत्र का १०८ बार जप करना चाहिए।
कालसर्प योग का निदान / Remedies of Kalsarp Yog
To chaliye jante hai Kalsarp Dosh Nivaran ke liye kaun se upay hai jise ghar (home) par hi kiya jaa sakta hai. Dhyan rahe ki kalsarp yog ka nidan tabhi sambhav hai. Jab aap man se dhyan laga kar Prabhu (iswar) ki aradhana karenge aur bure karmo se duri banaye rakhenge:
- कालसर्प दोष से छुटकारा पाने के लिए काले अकीक (सुलेमानी पत्थर) के माला से Rahu grah के बीज मंत्र का १०८ बार जप करना चाहिए।
- Saturday को Peepal tree के जड़ (root) में जल डालने से भी कालसर्प दोष कम होता है।
- Panchami के दिन उपवास (fasting) रखकर नाग देवता की puja करने से भी ये दोष कम होता है।
- Saturday या फिर पंचमी तिथि को 11 नारियल को बहते जल में बहाने से भी इस दोष को कम किया जा सकता है।
- Metal के बने 108 नाग नागिन के Pairs को बहते जल में बहाने से भी इस दोष को कम किया जा सकता है ।
- Monday को रूद्राभिषेक करवाने से भी कालसर्प दोष कम होता है ।
- गायत्री मंत्र के जाप (chanting) से भी इसका प्रकोप कम होता है ।
कालसर्प दोष पूजा–विधि / Kalsarp Dosh ke liye Puja-Vidhi
Jab ap kalsarp dosh nivaran ke liye puja karne wale hai to yeh dhyan rakhe ki us din sware naha kar puja ke liye baitha jaye.
To chaliye jante hai Kalsarp ki puja vidhi wistar mein:
सामग्री / Ingredients:
- साबुत गेंहू,
- श्रीफल,
- सिक्का (1, 2, 5 या 10 का)
पूजा–विधि / Puja-Vidhi
- सोमवार के दिन शिवलिंग के समक्ष बैठ कर सर्वप्रथम शिवलिंग के ऊपर एक मुट्ठी साबुत गेंहू अर्पित करे और लगातार “श्री राम” का जाप करते रहे ।
- उसके बाद शिवलिंग पर श्रीफल और फिर सिक्का (coin) अर्पण करें। इसे अर्पित करते time में भी “श्री राम” का जाप लगातार करते रहें।
- जो सिक्का अपने पहले सोमवार को अर्पित किया है मतलब 1, 2, 5 या 10 में से कोई भी सिक्का, वही संख्या वाले सिक्का को आपको हर बार अर्पित करना है।
- उसके बाद शिवलिंग के चारो ओर घूमकर 21-21 बार कर के 3 चक्र पूरा करें।
- इस पूजा को आपको 21 सोमवार तक करना होगा ।
- 21 सोमवार तक लगातार पूजा करने के बाद एक सोमवार को छोड़ कर अगले सोमवार से दोबारा पूजा आरम्भ करें।
श्री श्रेत्र त्र्यंबकेश्र्वर स्थानपर कालसर्प योग पूजा विधी्की जानकारी के लिए आप मोबाईल +919823505543 पर संपर्क कर सकते है|
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